Monday, 11 November 2019

सच्ची लगन

                                                               सच्ची लगन 


आज के ज़माने में बहुत कम लोगो में ही सच्ची लगन देखने  को मिलती है । modernization के इस दोर मे सभी लोग सब कुछ फटा फट चाहते है । अकसर हमें अखबारों, न्यूज़ channels में ऐसी खबरे  पढ़ने और सुनने  को मिलती हैं कि रातोंरात कामयाबी ने कई लोगों के कदम चूमे। ऐसी खबरे देखकर और सुनकर हमारा भी मन करता है की हमे भी वो सब कुछ जल्दी से जल्दी मिले।
लेखक लियोनार्ड पिट्स के अनुसार : “ अक्सर दूसरों की कामयाबी को देखकर हम  लोगों को लगता है कि बड़ा नाम कमाना या सफल होना बाएँ हाथ का खेल है क्योंकि हमे  उनकी कामयाबी के पीछे लगी कड़ी मेहनत और लगन का अंदाज़ा नहीं होता। . . . हम सिर्फ कामयाबी और सफलता को ही देखते हैं।



लेकिन सच्ची लगन का मतलब क्या होता है? सच्ची लगन का मतलब है ‘नाकामी या समस्याओं के बावजूद किसी भी हालत मे अपने मकसद या काम में मज़बूती से टिके या लगे रहना।

 EINSTEIN की यह कहानी सच्ची लगन का एक EXAMPLE है;

MOTIVATIONAL STORY OF ELBERT EINSTEIN IN HINDI 


हान वैज्ञानिक Elbert Einstein जब भी कोई काम किया करते थे तो उस काम मे खो जाते थे। उन्हे दूसरे किसी काम की होश नहीं रहती थी। एक बार वो अपनी laboratory मे कोई काम कर रहे थे, तो उनकी पत्नी उनके लिए खाना लेकर आयी। उनको काम मे खोया हुआ देखकर वो उनकी थाली एक table पर रख कर चली गयी। उन्होने सोचा की जब भी काम से फुरसत मिलेगी, वो खाना खा लेंगे। साथ ही Einstein के सहयोगी मित्र भी काम पर लगे थे। खाने की थाली देखकर उनकी भूख भड़क गयी और वो Einstein को छोड़कर खाना खाने के लिए चले गए। उन्होने अपने खाने के साथ Einstein का खाना भी खा लिया। Einstein पूरी लगन के साथ अपने काम मे लगे थे। जब उन्होने अपना काम निपटा लिया तो वो खाना खाने के लिए अपने table के पास गए तो उन्होने देखा सभी बर्तन खाली है। उन्होने सोचा की शायद मै खाना खा चुका हु और फिर पानी पीकर वापिस अपने काम मे लग गए। उनके सभी सहयोगी उनके काम के प्रति लगन को देखकर नक्मस्तक हो गए। यह होती है काम के प्रति सच्ची लगन

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